मंगल दोष क्या है?
मंगल दोष, जिसे “मंगल ग्रह दोष” या “चंद्र मंगल दोष” भी कहा जाता है, एक ज्योतिषीय दोष है जो तब उत्पन्न होता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह (लाल ग्रह) चंद्रमा, सूर्य, शुक्र या अन्य ग्रहों के साथ अवांछनीय स्थिति में होता है। खासतौर पर जब मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में स्थित होता है, तब उसे मंगल दोष माना जाता है। यह दोष व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता है, विशेष रूप से विवाह और पारिवारिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
मंगल दोष के प्रभाव:
- विवाह में विलंब: मंगल दोष होने पर विवाह में देरी या अड़चनें आ सकती हैं।
- संयुक्त परिवार में विवाद: मंगल दोष के कारण पारिवारिक जीवन में तनाव, विवाद और संघर्ष हो सकते हैं।
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं: मंगल दोष के कारण व्यक्ति को शारीरिक बीमारियाँ हो सकती हैं।
- आर्थिक संकट: मंगल दोष व्यक्ति के वित्तीय जीवन में रुकावटें उत्पन्न कर सकता है।
- मनोरंजन और खुशियाँ कम होना: मंगल दोष के प्रभाव से मानसिक तनाव और अवसाद बढ़ सकता है।
मंगल दोष पूजा के लाभ:
- विवाह में सफलता: पूजा से विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।
- पारिवारिक शांति: यह पूजा पारिवारिक रिश्तों में सुधार लाती है।
- स्वास्थ्य लाभ: मंगल दोष पूजा से शारीरिक बीमारियाँ कम हो सकती हैं।
- आर्थिक स्थिति में सुधार: पूजा व्यक्ति की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करती है।
- मानसिक शांति: मानसिक तनाव और गुस्से को शांत किया जा सकता है।
मंगल मंत्र:
ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः मंगळाय नमः।
इस मंत्र का 108 बार जप करें, या अधिक संख्या में जैसे 1008 बार जप करें।
मंगल दोष पूजा कब करें?
- मंगलवार: मंगल ग्रह का दिन होने के कारण यह दिन उपयुक्त है।
- शिवरात्रि: इस दिन पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है।
- नवग्रह पूजा: इस पूजा में मंगल पूजा भी सम्मिलित की जा सकती है।