रूद्र दोष एक ज्योतिषीय दोष है, जो किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और केतु की दुष्प्रभावी स्थिति के कारण उत्पन्न हो सकता है। इसे शांत करने के लिए भगवान शिव की पूजा और रुद्राभिषेक किया जाता है।
रूद्र दोष के प्रभाव:
स्वास्थ्य समस्याएँ
विवाह में समस्याएँ
आर्थिक संकट
करियर में विघ्न
मानसिक शांति की कमी
संतान सुख में रुकावट
रूद्र दोष पूजा के लाभ:
स्वास्थ्य में सुधार
विवाह में सुख
आर्थिक स्थिति में सुधार
करियर में सफलता
मानसिक शांति
आध्यात्मिक उन्नति
रूद्र दोष पूजा की विधि:
पूजा का स्थान शुद्ध और पवित्र होना चाहिए।
रुद्राभिषेक के लिए सामग्री का सही चयन करें।
भगवान शिव का गंगा जल, दूध, और शहद से अभिषेक करें।
रुद्र मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करें।
पूजा के बाद फल, मिठाई, और फूल अर्पित करें।
अंत में दान करना न भूलें।
रूद्र दोष पूजा कब करें?
महा शिवरात्रि
सप्ताह का सोमवार
पूर्णिमा और अमावस्या
कुंडली में दोष के संकेत होने पर
निष्कर्ष:
रूद्र दोष पूजा भगवान शिव की कृपा पाने और जीवन के संकटों को दूर करने का एक अद्भुत उपाय है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से निश्चित ही शुभ परिणाम मिलते हैं।